क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कहानी | छह पैसे से तय किया 50 लाख का सफर | Cryptocurrency BitCoin full Story
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को नए जमाने की हकीकत बनाने वाले बिटकॉइन (Bitcoin) के अब 13 साल पूरे हो चुके हैं। इस 13 साल में बिटकॉइन ने ऐसा सफर तय किया है, जिसके ऊपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। महज छह पैसे के भाव से शुरू हुआ यह सफर अभी 50 लाख के शिखर पर जा पहुंचा है। अगर क्रिप्टोकरेंसी के इस किस्से को सुन सुनकर आपका भी दिमाग मेरे जैसे चकरा रहा हो. बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, अगर ये सारे शब्द आपके दिमाग के ब्रह्माण्ड में भी गोते लगा रहे हैं और तब भी आपको कुछ समझ नहीं आ रहा कि इसका ओर-छोर कहां है? तो चलिए एक छोटी सी कोशिश करते हैं इस उड़ती चिड़िया के पर गिनने की ।
Cryptocurrency Bitcoin full Story : What is Bitcoin Crypto currency - Detailes Information in Hindi
बिटकॉइन को औपचारिक तौर पर लांच हुए 13 साल हो गए हैं। आज इसकी कीमत 50 लाख को पार कर चुकी है। इसके फाउंडर की पहचान भी अब तक रहस्य ही है।बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, अगर ये सारे शब्द आपके दिमाग के ब्रह्माण्ड में भी गोते लगा रहे हैं और आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यहां आपको सारी जानकारी मिल जाएगी ।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है - What is Cryptocurrency
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है लेकिन इसे न तो देखा जा सकता न छूआ जा सकता है. यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है. जिस तरह से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, उस तरह की यह बिल्कुल भी मुद्रा नहीं है. डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चि करती है. यह सब इनक्रिप्टेड होती है. शुरुआत में इसके वैल्यू को लेकर काफी आशंकाएं थीं. एक समय ऐसा था जब 10 हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जे खरीदे जा सके थे. आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है. कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है ।
सरल शब्दों में यह आपका डिजिटल पर्स होता है जिसमें आपकी बिटकॉइन रखी होती है जिसे आप किसी दूसरे के पर्स में सीधे डाल सकते हैं। इस करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है। बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है जिसका इस्तेमाल वैश्वि︂क स्तर पर लेन-देन के लिए किया जा सकता है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता के लेन-देन किया जा सकता है।
ऐसे हुआ बिटकॉइन का जन्म । Bitcoin Cryptocurrency Origin Story in Hindi
शुरू से शुरू करते हैं और चलते हैं 2009 में जब दुनिया के सामने पहली बार बिटकॉइन नाम की पहेली आई. किसी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि आखिर ये है क्या. इससे पहले कि मैं आपको बिटकॉइन समझाऊं, आपको पहले क्रिप्टोकरेंसी को समझना होगा. क्रिप्टो ग्रीक भाषा का एक शब्द है जिसका मतलब होता है सीक्रेट यानी गुप्त और करेंसी का मतलब तो आप जानते ही हैं, ‘मुद्रा’. यानी वो गुप्त मुद्रा जिसके बारे में किसी को पता ना हो. तो बिटक्वाइन वहीं गुप्त मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी है जो केवल एक तकनीक का कमाल है लेकिन भौतिक तौर पर उपलब्ध नहीं है. इसको और अच्छे ढंग से कहें तो ये बिल्कुल उस भगवान की तरह है जिसको हम सब मानते हैं कि वो है, उसकी खूब पूजा आरती करते हैं लेकिन असल में आज तक भगवान को किसी ने नहीं देखा. मैंने तो नहीं देखा, आपने देखा क्या?
बिटकॉइन का अविष्कार किसने किया । Who Invented Bitcoin Cryptocurrency
इसकी कहानी 2008 के अमेरिकी वित्तीय संकट से शुरू हुई थी, जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. इस संकट की वजह से कुछ समय के लिए लोगों का बैंकों समेत वित्तीय संस्थानों से भरोसा उठ गया था. इसी वजह से दुनिया की पहली आजाद करंसी बिटकॉइन वजूद में आई. कहते हैं कि 2009 में जापान के एक वैज्ञानिक सातोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अविष्कार किया था लेकिन इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण आज तक नहीं मिला. कुछ लोगों के हिसाब से ये कोई एक शख्स नहीं बल्कि एक ग्रुप का नाम है जिसने इस नाम का कवर लिया हुआ है । अरे जैसे हॉलीवुड फिल्मों में होता है । नाम किसी का, काम किसी का । कुछ लोगों ने तो खुद के सातोषी होने का दावा किया लेकिन ये आज तक साबित नहीं हो पाया कि सातोषी नाकामोतो कोई है भी या नहीं ।
13 साल पहले प्रकाशित हुआ था पहला । Bitcoin White Paper
आज से 13 साल पहले 31 अक्टूबर 2008 को बिटकॉइन की औपचारिक शुरुआत हुई थी। उस रोज पहली बार बिटकॉइन का व्हाइट पेपर पब्लिश (Bitcoin White Paper) हुआ था। इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) के नकली नाम से ऑनलाइन पब्लिश किया गया था। बिटकॉइन - अ पीअर-टू-पीअर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम’ शीर्षक से प्रकाशित व्हाइट पेपर में बताया गया था कि कैसे बिना किसी सरकारी के नियंत्रण वाली भविष्य की ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली से लोगों को फायदा हो सकता है।
क्या थी बिटकॉइन की शुरुआती कीमत । First Bitcoin Cryptocurrency Value
अब बात इसकी कीमत और निवेश की सुरक्षा की करते हैं. इसमें निवेश की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं । पिछले कुछ दिनों में हम सबने अपनी आंखों के सामने होते देखा है. जहां कुछ दिनों पहले एक बिटकॉइन की कीमत भारतीय करेंसी में 50 लाख के करीब पहुंच गई थी और एलन मस्क के ट्वीट और फिर चीन के झटके के बाद फिलहाल 28 से 30 लाख रुपये के बीच है. वहीं मात्र 10 साल पहले 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत 1 डॉलर थी यानी इस वक्त के हिसाब से करीब 50 रुपये के आस-पास थी ।
बिटकॉइन डिजिटल करेंसी है जिसे इंटरनेट करेंसी भी कहा जाता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन इस्तेमाल किया जा सकता है. माना जाता है कि बिटकॉइन की खोज संतोषी नाकोमोतो नामक शख्स ने किया था । आज की तारीख में 1 बिटकॉइन की कीमत करीब 50 लाख रुपए से अधिक है । बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सोतषी है और 1 बिटकॉइन 10,00,00,000 सोतषी के बराबर होता है. जैसे इंडियन करेंसी में 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं वैसे ही 10 करोड़ सतोषी से मिलकर एक बिटकॉइन बनता है.
13 साल का हुआ बिटकॉइन, छह पैसे से तय किया 48.2 लाख का सफर -
टेस्ला के मालिक एलन मस्क कभी एक ट्वीट के बिटकॉइन के रेट अर्श पर पहुंचा देते हैं तो कभी दूसरे ट्वीट से फर्श पर ला पटकते हैं. यही कारण है कि हाल ही में उनके खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी भी लॉन्च कर दी गई है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी ऐसी क्या चीज है जिसकी कीमत लॉन्च होते समय मात्र एक डॉलर (उस समय लगभग 50 रुपये) की थी और अब यह 50 लाख की वैल्यू रखता है. क्या आपके दिमाग में भी यह सवाल आते हैं कि आखिर में यह कौन सी टेक्नोलॉजी है जिससे कुछ दिनों में ही लाखों का फायदा होता है और चंद घंटों में सब डूब भी जाता है ।
Most Valuable Cryptocurrency है बिटकॉइन
आज के समय में बिटकॉइन सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी (Most Valuable Cryptocurrency) है। जब इसकी औपचारिक शुरुआत हुई थी, तब इसके एक यूनिट का भाव महज 0.0008 डॉलर (करीब छह पैसे) था। आज भारत में बिटकॉइन 64,400 डॉलर (करीब 48.2 लाख रुपये) के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इस तरह बिटकॉइन ने 13 साल की अब तक की अपनी यात्रा में छह पैसे से 48.2 लाख का अविश्वसनीय मुकाम हासिल किया है।
लिमिटेड है Bitcoin Mining
बिटकॉइन की वैल्यू में इस अविश्वसनीय वृद्धि के पीछे एक अहम कारण इससे जुड़ी बुनियादी शर्त है। नाकामोतो ने इसकी औपचारिक शुरुआत के समय ही यह तय कर दिया था कि बिटकॉइन के यूनिट की संख्या कभी भी 2.10 करोड़ से अधिक नहीं हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2021 तक मार्केट में 1.87 करोड़ बिटकॉइन यूनिट उपलब्ध थे। इस तरह अब बिटकॉइन के सिर्फ 23 लाख यूनिट की माइनिंग (Bitcoin Mining) की जा सकती है। सप्लाई सीमित होने और मांग बेतहाशा होने से बिटकॉइन के यूनिट का भाव तेजी से चढ़ा है।
कोई बैंक नहीं करता है इसको कंट्रोल -
अब बारी है उस कमाल की तकनीक के बारे में जानने की जिसपर बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टो करेंसीज़ को बनाया गया है. इसका नाम है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी. ब्लॉक और चेन, इसके नाम में ही सारा खेल है. ऐसे समझ लीजिए कि ये एक ऐसा डेटाबेस है जिसमें लाखों ब्लॉक्स यानी कंप्यूटर्स चेन यानी इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और उन सब में हर ट्रांजैक्शन का डेटा सेव है. यानी कोई एक शख्स, अथॉरिटी या सरकार उस को कंट्रोल नहीं कर सकती. कोई हैक नहीं कर सकता या कुछ बदलाव नहीं कर सकता. इसीलिए बिटकॉइन को इतना सेफ माना जाता है क्योंकि इसपर किसी का नियंत्रण नहीं. दूसरे शब्दों में कहें तो बिटकॉइन का आजाद होना ही इसकी सबसे बड़ी खूबी है. रुपये, डॉलर या यूरो की तरह इसे कोई सेंट्रल बैंक (जैसे भारत में आरबीआई और अमेरिका में फेडरल रिजर्व बैंक) नियंत्रित नहीं करता इसलिए इसका ट्रेल पता नहीं लगाया जा सकता. जैसे बैंक आपके किसी भी ट्रांजैक्शन का पता चुटकियों में लगा सकता है इसीलिए दुनिया भर में गैरकानूनी लेनदेन का ये एक अहम जरिया बन गया है. आज बिटकॉइन में फिरौती मांगा जाना कोई नई बात नहीं रही ।
कितनी सुरक्षित बिटकॉइन -
बिटकॉइन में सावधानी जरूरी है। इस पर रिजर्व बैंक जैसे नियामक का नियंत्रण नहीं है। बिटकॉइन को लेकर दिसंबर 2013 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी कर दी थी। इसमें अकाउंट हैक होने का खतरा भी रहता है। पासवर्ड अगर भूल गए तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। पासवर्ड भूलने के बाद इसकी रिकवरी नहीं हो सकती है, ऐसे में बड़ा नुकसान हो सकता है।
कोई नहीं जानता बिटकॉइन के डेवलपर का नाम -
बिटकॉइन के साथ एक रोचक बात इसे डेवलप करने वाले की गोपनीयता है। आज तक कोई नहीं जानता कि बिटकॉइन के डेवलपर सातोशी नाकामोतो की असल पहचान क्या है। नाकामोतो ने पेमेंट के तरीके में क्रांति लाने वाला प्रोडक्ट डेवलप करने के महज तीन साल बाद क्रिप्टो मार्केट को छोड़ दिया। बताया जाता है कि नाकामोतो 2011 में क्रिप्टो मार्केट से बाहर निकल गए
बिटकॉइन के इंवेंटर के वॉलेट में पड़ी है करीब पांच लाख करोड़ रकम -
सातोशी नाकामोतो के वॉलेट (Satoshi Nakamoto Wallet) में अभी 66 बिलियन डॉलर यानी करीब 4.97 लाख करोड़ रुपये के बिटकॉइन टोकन मौजूद हैं। 2011 के बाद भी नाकामोतो के वॉलेट का वजन बढ़ता गया है। मजेदार है कि नाकामोतो ने इनमें से कुछ भी खर्च नहीं किया है और सारे टोकन बिना इस्तेमाल के पड़े हुए हैं।
बिटकॉइन ने दुनिया भर में तहलका मचा रहा है. बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत में भारी बढ़ोतरी दखी गई है. आज की तारीख में 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपए करीब साढ़े नौ लाख रुपए हो चुकी है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक डिजिटल करेंसी को मान्य नहीं किया है और इसको लेकर कई दफा चेतावनी जारी कर चुका है ।
Top 15 Cryptocurrencies List 2021
1- Bitcoin
2- Ethereum
3- Binance
4- Tether
5- Salona
6- Cardano ADA
7- XRP
8- Polkadot
9- Shiba Inu
10- Dogecoin
11- Usd Coin
12- Terra
13- Uniswap
14- Avalanche
15- Chainlink
भारत में भी चल रही है इसको लेकर तैयारी -
दुनिया में अभी फिलहाल करीब 200 क्रिप्टोकरेंसी चल रही हैं जिसमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, इथेरियम, ज़ेडकैश, स्टेलर ल्यूमैन प्रमुख हैं । दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिली हुई है, लेकिन भारत में फिलहाल सरकार ने इसको मान्यता नहीं दे रखी है ।हालांकि सरकार के अंदर इसको लेकर मंथन जारी है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर इस विषय के एक्सपर्ट्स के साथ एक बैठक कर चुके है और जल्द ही इस अध्ययन करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई जा सकती है.
GST लगाना चाहती है भारत सरकार । Tax Guideline for Cryptocurrency in India
आयकर विभाग ने फरवरी 2018 में बिटकॉइन में अपना पैसा लगाने वाले ‘कुछ लाख’ लोगों को नोटिस भेजे थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा था कि अब विभाग इस तरह के निवेश पर कर वसूली का प्रयास कर रहा है। हालांकि सरकार को इसमें निवेश करने वालों पर शिकंजा कसने में ज्यादा सफलता नहीं मिली। अब सरकार इस पर GST लगाने की तैयारी कर रही है।
बिटकॉइन से अरबपति बनने वाले दुनिया के पहले शख्स की कहानी -
जुड़वा भाई कैमरन और टेलर विंकलवॉस ने मार्क जुकरबर्ग पर फेसबुक का आइडिया चुराने को लेकर केस ठोका था, जिसके बाद इन दोनों का फेसबुक के साथ समझौता हुआ और समझौते में इन्हें 6.5 करोड़ डॉलर की राशि मिली थी । पैसे मिलने के बाद दोनों भाइयों ने 1.1 करोड़ डॉलर साल 2013 में बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर दिए । तब से लेकर अब तक बिटकॉइन करीब 100 गुना (10,000 फीसदी) बढ़ चुका है । संडे टेलीग्राफ के रिपोर्ट के मुताबिक ये बिटकॉइन से अरबपति बनने वाले दुनिया के पहले शख्स हैं । दोनों भाई कैमरन और टेलर विंकलवॉस ने अपना ऑनलाइन एक्सचेंज लांच किया है, इनका वेंचर कैपिटल भी है ।